एक दिवसीय हड़ताल के कारण करोड़ों रुपए का हुआ नुकसान
मेदिनीनगर: ग्रामीण बैंक संस्था एवम स्टाफ के राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर केंद्रीय संगठन ऑल इण्डिया रीजनल रूरल बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन के आह्वान पर 27 सिंतबर कोअखिल भारतीय हड़ताल का आयोजन किया गया । इसके तहत पलामू प्रमंडल के सभी ग्रामीण बैंक के शाखाओं में ताले लटके रहे ।और ग्राहक अपने कार्यों के निष्पादन को लेकर भटकते नजर आए। इस मौके पर संघ के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष कौशिक मलिक ने कहा कि देश के लगभग 675 जिलों में 21000 से ज्यादा शाखायो के माध्यम से मात्र 46 वर्ष के सफर में 40 करोड ग्राहकों को जोड़ते हुए वर्तमान में सरकारी वित्तीय बैंकिंग संस्था के तहत 8 लाख 60 हज़ार करोड़ का व्यवसाय रखते हुए देश की 7वी बड़ी बैंकिंग संस्था है ।वर्तमान मे 91000 स्टाफ अपनी कड़ी मेहनत और तपस्या से ग्रामीण भारत के 80 करोड वासियों के आर्थिक सपनो को पूरा करने हेतु गतिमान है। उन्होंने कहा कि
75%से ज्यादा युवा स्टाफ के उज्जवल भविष्य को सुदृढ करने हेतु airrbea दृढ़ संकल्पित है। और इसीलिए संस्था और स्टाफ के हितों के लिए संघर्षपथ पर एक बार पुनः अकेले सम्पूर्ण ऊर्जा के साथ आवाहन करता है कि मांगो को लेकर एक और लंबे संघर्ष की आधारशिला रखने के लिए हड़ताल को सफल बनाकर मील का पत्थर स्थापित करें। उन्होंने केंद्र सरकार की दोहरी नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ग्रामीण बैंक के स्टाफ एवं कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार न करें ।जिस प्रकार बड़ी संस्था के बैंकों द्वारा कार्य किया जाता है ।उसी प्रकार ग्रामीण बैंक के द्वारा कार्य किया जाता है। ग्रामीण बैंक के द्वारा देश के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण बैंक गांव के लोगों के बीच जाकर अपनी सेवा प्रदान कर रहा है। इस बीच केंद्र सरकार स्वायत्तता छीनने का जो प्रयास कर रही है। उसे पूरा नहीं होने दिया जाएगा। श्री कौशिक ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ग्रामीण बैंक से अपनी 50%हिस्सेदारी को बेचने की नीतियां रद्द करें।देश की सभी 43 ग्रामीण बैंक का समामेलन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर एक ग्रामीण बैंक की स्थापना भारत सरकार करें।बैंकिंग उद्योग के समान पद्दोन्नति नीति के समस्त नियमो का निर्धारण किया जाए।मानव शक्ति योजना का पुनर्निर्धारण करते हुए समुचित नयी भर्ती केंद्र सरकार करें।अस्थाई रूप से कार्यालय सहायक पद पर सेवारत समस्त संदेशवाहकों का नियमतीकरण किया जाए।11वे बैंकिंग वेतन समझौते के समस्त लाभों के आदेश को समानता के तय सिद्धान्त के तहत शीघ्र जारी किया जाए।बैंकिंग पेंशन अधिनियम ग्रामीण बैंकों में भी वर्ष 1993 से प्रभावी किये जायें ।एवम 31 मार्च 2018 तक ग्रामीण बैंक में सेवा में जॉइन कर चुके स्टाफ को भी योजना से कवर किया जाए। हड़ताल मे अभिषेक अखौरी, विद्यापति पाल, सागर कुमार, देव नारायण सिंह, सत्येंद्र कुमार, नन्दन कुमार, पवन कुमार, हीरालाल कुमार , धनंजय कुमार, बेफी के प्रतिनिधि अभिषेक कुमार दुबे, सुनित कुमार, जितेंद्र कुमार गुप्ता, उमाकांत सिंह, उपस्थित थे।