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पलामू में भारत बंद का दिखा व्यापक असर

वामपंथी दलों के नेता कार्यकर्ता उतरे सड़कों पर

मेदनीनगरआज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आवाहन पर तीनों कृषि कानून को रद्द करने , एमएसपी को लागू करने , एवं मजदूर विरोधी श्रम संशोधन विधेयक को रद्द करने को लेकर अखिल भारतीय स्तर पर भारत बंद के तहत भाजपा विरोधी सभी पार्टियों के अलावे भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के झंडे तले छात्र नौजवानों और कम्यूनिस्ट पार्टी के नेताओं ने सुबह से ही स्थानीय बाजार छः मुहान, रेड़मा यातायात व्यवस्था को पूरी तरह से बंद रखा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लोग तीनों कृषि कानून वापस लो, एमएसपी की गारंटी करो, किसानों का हत्यारा मोदी गद्दी छोड़ो, भाजपा हटाओ लोकतंत्र बचाओ, के नारे से भारत बंद को सफल बनाया गया। मौके पर भाकपा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य सूर्यपत सिंह ने कहा कि देश के किसान अपनी अस्मिता का संघर्ष करते हुए भारत बंद का आवाहन किया जिसे सफल बनाने के लिए पूरे देश के किसान नौजवान मौजूद सड़क पर उतरा है ।

भाकपा जिला सचिव रुचिर कुमार तिवारी ने कहा कि आज का यह बंदी किसान नौजवान आवाम के बीच चर्चा का विषय है लोगों के बीच सरकार के प्रति गुस्सा है, महंगाई चरम पर है और दूसरी ओर देश के किसानों को मोदी सरकार के राज्य में लाठी से पीट-पीटकर हत्या की जा रही हैं जनता को ऐसा लग रहा है कि उनके द्वारा चुनी हुई सरकार नहीं है बल्कि यह अंग्रेजो के समय की सरकार है। ऐसी परिस्थिति में मोदी हटाओ देश बचाओ के नारों के साथ आज देश की जनता सड़क पर उतर चुकी है। बंदी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अलावे राजद, झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, भाकपा माले, इप्टा, एआईएसएफ, आप, एवं अन्य वामपंथी संगठन सक्रिय रुप से शामिल थे। जिसने भाकपा के नगर सचिव सुरेश ठाकुर, फेकन उरांव, मुनाजरूल हक, पूरनचंद साव, अलाउद्दीन, राजीव रंजन, श्रद्धानंद तिवारी, आलोक तिवारी, अश्विनी त्रिपाठी, धीरेंद्र पांडे,एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष सुजीत पांडे उर्फ विदेशी पांडे, मृत्युंजय तिवारी, कौशल किशोर, एवं अन्य साथी उपस्थित थे, राजद के धीरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू सिंह, विश्वनाथ राम घूरा, शमी अहमद आदि झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिन्हा, संजीव तिवारी, नसरुद्दीन खान, एवं अन्य कांग्रेस के जिला अध्यक्ष जयेश रंजन पाठक, रूद्र शुक्ला , भाकपा माले के जिला सचिव आरएन सिंह, सरफराज आलम, इप्टा के उपेंद्र मिश्रा, जुगल पाल, शत्रुघन कुमार शत्रु, आदि सैकड़ों लोग बंदी में शामिल रहे।