झारखंड संदेश संवाददाता
हजारीबाग। संत कोलंबा महाविद्यालय, हजारीबाग, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एक के कर्मठ स्वयंसेवकों ने मनाया एनएसएस का स्थापना दिवस। कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित करने के बाद एनएसएस गीत गा कर किया गया। उसके बाद सभी स्वयंसेवकों ने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों एवं व्यवहारों को आत्मसात करने एवं अपने आचरण में धारण करने की शपथ ली। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस टीम लीडर अभिषेक रंजन के द्वारा किया गया। उसके बाद कार्यक्रम की अगली कड़ी में महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ जे० आर० दास ने सभी स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक समाज में फैले विसंगतियों एवं भ्रांतियों को दूर कर स्वच्छ भारत एवं सुंदर भारत के साथ-साथ स्वस्थ भारत की भी रूपरेखा को आकार प्रदान करने में अहम भागीदारी निभाती है। इसके बाद प्रो० राजकुमार चौबे ने कहा कि एनएसएस के स्वयंसेवक समाज के प्रति अपने कर्तव्य का निष्ठा पूर्वक निर्वहन करते है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश के विभिन्न कोनों से एनएसएस से जुड़े 40 लाख स्वयंसेवक अपने देश के प्रति निस्वार्थ भाव से राष्ट्र के निर्माण एवं सेवा में दिन रात लगे हुए हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर डॉ सत्येंद्र सिंह एवं इतिहास विभाग के एचओडी डॉ सत्रुघ्न पांडे ने एनएसएस के विषय में बताया, कई उत्साहवर्धक बातें बतलाई और उन्होंने इसी तरह स्वयंसेवकों को राष्ट्र के निर्माण में अपनी भागीदारी देने के लिए प्रेरित भी किया। इसके बाद सभी स्वयंसेवकों ने एवं शिक्षकों ने मिलकर महाविद्यालय परिसर में पर्यावरण को बढ़ावा देते हुए वृक्षारोपण किया और सभी से आग्रह भी किया गया कि वे अपने आसपास अपने गांव पड़ोस एवं अपने समाज में इसके प्रति जागरूकता लाएं और पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भागीदारी निभाएं। उसके बाद सभी स्वयंसेवकों ने साहित्य कार्यक्रम की प्रस्तुति की। तत्पचात एक किडनी से पीड़ित बच्चे के मदद के लिए डोनेशन भी किया गया ताकि उस बच्चे की जान बचाई जा सके साथ ही दो एनएसएस स्वयंसेवकों ने थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को रक्तदान कर ‘रक्तदान महादान’ का उद्देश्य सामने रखा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रुक से एनएसएस स्वयंसेवक सुधेस कुमार, सोनू सवराज, अविनाश कुमार, महेश कुमार महतो, राजीव, पवन, सागर, धर्मवीर, विशाल, आरती, नेहा, निशा, सुमन, अंकिता, प्रतीक्षा, रितिका, मुस्कान, हेमंत, देवनाथ मुखर्जी, जीत, नीलू, सुजीत, आदि स्वयंसेवकों ने अपना आम योगदान दिया।