त्रुटिपूर्ण प्रश्नपत्र पत्र के तहत छात्रों के उम्र घोटाला की साजिश
हजारीबाग। झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 252 पदों के लिए रविवार को संपन्न प्रारंभिक परीक्षा में त्रुटिपूर्ण प्रश्नपत्र पर सुख समृद्धि पार्टी ने गहरा आक्रोश प्रकट किया है। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष ने जेपीएससी बोर्ड पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा की हर बार की तरह इस बार भी त्रुटिपूर्ण प्रश्नपत्र जेपीएससी बोर्ड के नीति और नीयत को उजागर करती है। बोर्ड पर सुनियोजित तरीके से गलत प्रश्नपत्र मामले को उलझाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बोर्ड की मंशा कभी भी तय सीमा में प्रतियोगता प्रतीक्षा आयोजित कराने की नहीं रही। बोर्ड चाहती है की मामला न्यायालय में जाए और अपना हाथ खड़ा कर पल्ला झाड़ ले। बोर्ड सुनियोजित तरीके से छात्रों का उम्र घोटाला कर रही है यही कारण है की झारखण्ड गठन के बीस वर्ष बीतने के बावजूद भी विभाग में अधिकांशतः पद रिक्त है। सुख समृद्धि पार्टी ने सरकार से मांग करते हुए कहा की लापरवाह अधिकारियों पर अविलंब कारवाई सुनिश्चित करे ताकि आने वाले समय में जेपीएससी बोर्ड की गलती का खामियाजा छात्रों को न भुगतना पड़े । साथ ही अभ्यर्थियों को तय सीमा में नियुक्ति पत्र देना सुनिश्चित हो अन्यथा सुख समृद्धि पार्टी छात्रों के हक में आंदोलन को बाध्य होगी।
त्रुटिपूर्ण प्रश्न पर उठ रहे सवाल
जेपीएससी परीक्षा के प्रथम पाली में जनरल स्टडीज के इतिहास और करेंट अफेयर पेपर में तीन प्रश्न पर परीक्षार्थी समेत एक्सपर्ट ने सवाल उठाने शुरू कर दिए है। बुकलेट B में तीन सवाल सवालिया घेरे में है। 48 नंबर सवाल में पूछा गया है कि ह्यूमन राइट कमीशन के वर्तमान चेयरमैन कौन हैं. इसे विकल्प B में एचएल दत्तू दिया गया है, जबकि वर्तमान चेयरमैन एके मिश्रा हैं जो कि विकल्प में है ही नहीं. वहीं, दूसरा 54 नंबर का सवाल , निम्नलिखित में से किस परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापित क्षमता सर्वाधिक है। एक्सपर्ट कुंडाकुलम सही मानते है । जिसको विकल्प में शामिल नहीं किया गया है।वहीं, तीसरा सवाल इतिहास में क्रम बनाने का था।जिसका विकल्प ADCB होना चाहिए था जो भी विकल्प में नहीं था।