समापन समारोह में लोगों को किया गया सम्मानित
रामगढ़। शहर के मेन रोड में स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर मे क्षमावाणी पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया।सर्वप्रथम श्रीजी का जलाभिषेक एवं शांति धारा शांतिधारा किया गया। समाज के वरिष्ठ सदस्य नागरमल गंगवाल एवं उनकी धर्मपत्नी जीवन माला गंगवाल,विकास पाटनी ने 10 दिन का उपवास रखा।श्री दिगंबर जैन समाज उनकी अनुमोदना करता है।श्श्यामसुंदर जैन मैं 6 दिन का उपवास रखा।”जाने अनजाने में हम से कोई भूल हुई या हमने आपका दिल दुखाया हो तो मन, वचन, काया से “ उत्तम क्षमा ”समभाव रखते हुए “ पर्युषण” महापर्व पर हम आपसे मन, वचन, काया से “क्षमा याचना” करते है।
क्षमावाणी पर्व की शुभकामनाएं
पर्युषण एक आध्यात्मिक त्योहार है। इस दौरान ऐसा लगता है मानो जैसे किसी ने दस धर्मों की माला बना दी हो। दसलक्षण धर्म की संपूर्ण साधना के बिना मनुष्य को मुक्ति का मार्ग नहीं मिल सकता।पर्युषण पर्व का पहला दिन ही ‘उत्तम क्षमा’ भाव का दिन होता है। धर्म के दस लक्षणों में ‘उत्तम क्षमा’ की शक्ति अतुल्य है। क्षमा भाव आत्मा का धर्म कहलाता है। यह धर्म किसी व्यक्ति विशेष का नहीं होता, बल्कि समूचे प्राणी जगत का होता है।जैन धर्म में पयुर्षण पर्व के दौरान दसलक्षण धर्म का महत्व बतलाया गया है। वे दस धर्म क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आंकिचन और ब्रह्मचर्य बतलाए गए हैं। यह वही धर्म के दस लक्षण हैं, जो पर्युषण पर्व के रूप में आकर, सभी जैन समुदाय और उनके साथ-साथ संपूर्ण प्राणी-जगत को सुख-शांति का संदेश देते हैं।
जब भी कभी आप क्रोधित हो तब आप मुस्कुराहट को अपना कर क्षमा भाव अपना सकते हैं, इससे आपके दो फायदे हो जाएंगे, एक तो आपके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाएगी, जिससे उसी समय आपके मन का सारा क्रोध नष्ट होकर मन में क्षमा का भाव आ जाएगा और दूसरा आपकी निश्छल मुस्कुराहट सामने वाले व्यक्ति के क्रोध को भी समाप्त कर देगी, जिससे निश्चित ही उनका भी ह्रदय परिवर्तन हो जाएगा। क्षमा एक ऐसा भाव है, जो हमें बैर-भाव, पाप-अभिमान से दूर रखकर मोक्ष मार्ग की ओर ले जाता है।
इस मौके पर रमेश सेठी, विनोद राव का, मानिक जैन पाटनी, हरक चंद अजमेरा, मांगीलाल चूड़ीवाल, हीरालाल पाटनी, जीवेन्द्र बागरा, राहुल जैन, अशोक सेठी, ललित चूड़ीवाल, नरेंद्र छाबड़ा, प्रदीप पाटनी, राजेश चूड़ीवाल, महावीर गंगवाल, टीकमचंद बागरा, जीवन जैन, जम्बू जैन, अशोक काला, विकाश जैन, राजू सेठी, सुनील सेठी, नीरज सेठी, डॉ शरद जैन महावीर पाटनी, राकेश पंडया, अरविन्द सेठी आदि लोग उपस्थित थे।