- महिला आरक्षण विधेयक अविलंब लागू करने,ओबीसी वर्ग को महिला आरक्षण में शामिल करने की मांग
रांची। झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष गुंजन सिंह के नेतृत्व में आज राजभवन रांची के समक्ष महिला आरक्षण विधेयक अविलंब लागू करने तथा उसमें ओबीसी वर्ग को भी महिला आरक्षण में शामिल करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। धरना के पश्चात महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। धरना कार्यक्रम में मुख्य रूप से झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तर्की, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व मंत्री बन्धु तिर्की, राजीव रंजन प्रसाद, रविन्द्र सिंह, जयशंकर पाठक, सतीश पॉल मुंजनी, गजेन्द्र सिंह आदि ने संबोधित किया।
धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्षा त्याग की मूर्ति आदरणीय सोनिया गांधी ने यूपीए के शासनकाल में 33 प्रतिशत बिल पास कराया था। कांग्रेस पार्टी हमेशा महिला सशक्तिकरण की बात करती है। झारखंड में हमारी गठबंधन ने महिला को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मइया सम्मान योजना के तहत 2500 रूपैया देने का काम किया। राहुल गांधी के आवाह्न पर तेलंगाना में जातिय जनगणना करवाया। मैं धन्यवाद देना चाहता हॅूl वहां के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को कि ओबीसी आरक्षण 42 प्रतिशत कर दिया। वहीं केन्द्र में बैठी हुए भाजपा की सरकार महिला आरक्षण बिल पास किया लेकिन अभी तक लागू नहीं किया। इससे साफ पता चलता है कि महिलाओं के प्रति घोर उदासीनता है।
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार हमेशा चुनावी जुमले की तरह बात करती है जो आज पूरे देश भर की महिला अपने हक और अधिकार के लिए ठगी हुई महसूस कर रही है। आज हम सब महिला झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कमिटी की तरफ से आयोजित धरना प्रदर्शन में हम लोग एकत्रित हुए हैं यह संदेश झारखंड से निकल कर पूरे देश भर में जाएं ताकि महिला एकजुटता के साथ अपने अधिकार को लेकर आवाज बुलंद कर सके।
प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन सिंह ने राज्यपाल को ज्ञापन के माध्यम सें केन्द्र सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष अलका लांबा के नेतृत्व में महिला आरक्षण विधेयक अविलंब लागू करने, महिला सुरक्षा तथा उसमें ओबीसी वर्ग को भी महिला आरक्षण में शामिल करने की मांग को लेकर देश, प्रदेश एवं जिला स्तर तक आंदोलन, धरना-प्रदर्शन, संघर्ष की जा रही है तथा देश की आधी आबादी महिलाओं की अधिकारी के लिए आवाज बन रही हैं।
ज्ञातव्य है कि महिलाओं को राजनैतिक भागीदारी देने की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिलाओं को पंचायत और स्थानीय निकायों में आरक्षण देकर की थी। जब सोनिया गांधी जी कांग्रेस की अध्यक्षा थी और केन्द्र में यूपीए की सरकार चल रही थी उस समय संसद और विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण का बिल भी सर्व प्रथम स्वर्गीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रयासों के चलते पारित हुआ था। लेकिन 2014 से लेकर 2024 तक महिला विरोधी भाजपा की सरकार ने महिला आरक्षण कानून पास नहीं किया। स्पष्ट बहुमत होते हुए और महिला आरक्षण कानून पर केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया।
गुंजन सिंह ने महामहिम से अनुरोध किया कि उपरोक्त वर्णित विषयों पर गंभीरता पूर्वक विचार कर महिला आरक्षण विधेयक अविलंब लागू करने, महिला सुरक्षा तथा उसमें ओबीसी वर्ग को भी महिला आरक्षण में शामिल करने की दिशा में पहल करवाने की कृपा की जाए।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से पिंकी सिंह, सुन्दरी तिर्की, पुनीता चौधरी, रांची महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष नीतू देवी, मेरी तिर्की , पार्वती सिंह, अमिता सिंह, पुनम कुमारी, कल्याणी कुमारी, कलावती देवी, सीमा देवी, नीलम सहाय, सरिता देवी, उमा देवी, राजेश्वरी देवी, अनीता सिन्हा, संगीता टोप्पो, सविता लक्ष्य, दिव्य लुगुन, किरण देवी, ज्योति देवी, सुमा नाग आदि सैकड़ो महिलाएंे शामिल थी।