- हजारीबाग की ऐतिहासिक रामनवमी को राजकीय महोत्सव का दर्जा देने की मांग
- रामनवमी पर प्रशासन की सख्ती अस्वीकार्य, झारखंड सरकार डीजे की अनुमति दे: प्रदीप प्रसाद
रांची l हजारीबाग की ऐतिहासिक रामनवमी महापर्व और भव्य शोभायात्रा को लेकर सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने झारखंड विधानसभा में जोरदार आवाज उठाई। उन्होंने रामनवमी जुलूस में डीजे बजाने पर लगाई जा रही प्रशासनिक पाबंदी का विरोध करते हुए इसे आस्था और परंपरा पर प्रहार बताया। विधायक ने कहा कि हजारीबाग की रामनवमी एक अंतरराष्ट्रीय पर्व है, जिसे देखने देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु आते हैं। इस दौरान करीब 4 लाख से अधिक राम भक्त सड़कों पर निकलते हैं, लेकिन प्रशासन हर वर्ष डीजे बजाने की अनुमति देने में आनाकानी करता है, जिससे श्रद्धालुओं में असंतोष रहता है।
सरहुल,कर्मा पूजा में डीजे की अनुमति तो रामनवमी में क्यों नहीं?
सदर विधायक ने सवाल उठाया कि झारखंड में अन्य धार्मिक पर्वों जैसे सरहुल, कर्मा पूजा में डीजे बजाने की छूट दी जाती है, तो फिर रामनवमी के दौरान ही इस पर रोक क्यों लगाई जाती है? उन्होंने कहा कि यह भेदभाव पूर्ण नीति धार्मिक भावनाओं को आहत करती है और इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
राजकीय महोत्सव और कार्निवल के रूप में मनाने की मांग
विधायक ने सदन के माध्यम से मांग की कि हजारीबाग की रामनवमी को राजकीय महोत्सव का दर्जा दिया जाए और इसे कार्निवल के रूप में मनाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति भव्य झांकियां निकाली जाएं और डीजे बजाने की छूट मिले, ताकि श्रद्धालुओं की आस्था और उल्लास में कोई कमी न आए।
100 वर्षों से अधिक का गौरवशाली इतिहास
सदर विधायक ने कहा कि हजारीबाग की रामनवमी का 100 वर्षों से भी अधिक पुराना गौरवशाली इतिहास है। इसे भव्य रूप से मनाने की परंपरा को बनाए रखना आवश्यक है, ताकि यह पर्व अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को बरकरार रख सके। उन्होंने सरकार से मांग की हजारीबाग की रामनवमी को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं साथ शोभायात्रा के दौरान डीजे बजाने की अनुमति दी जाए।