घोड़थम्बा की घटना पुलिस प्रशासन का सुनियोजित षडयंत्र:बाबूलाल मरांडी

  • घोड़थम्बा की घटना एक पक्षीय गुंडागर्दी का, दो पक्षों के नाम पर निर्दोषों को किया जा रहा परेशान

गिरिडीह l भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष दिल्ली से भाया देवघर गिरिडीह जिला के घोड़थम्बा पहुंचेl जहां होली के दौरान रंग अबीर खेलते हिंदुओं पर पत्थरों ,पेट्रोल बम हमला किया गया। इतना ही नहीं पुलिस की भूमिका इस पूरे प्रकरण में अपराधियों,गुंडों,बदमाशों,हमलावरों को संरक्षण देने की रही ।
श्री मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि घोड़ थम्बा में जिस गली, रास्ते को लेकर विवाद हुआ उसपर प्रतिवर्ष लोग पर्व त्यौहार में जाते रहे हैं लेकिन इस वर्ष सुनियोजित तरीके से रंग अबीर खेलते हिन्दू भाइयों पर हमला कराया गया।
कहा कि पत्थरबाजी के बीच पुलिस की भूमिका से यह स्पष्ट हो गया कि पुलिस पहले से ही मानो मामला को बढ़ाने केलिए तय कर लिया था। थाना प्रभारी और सीओ ने रोड पर गाड़ी लगाकर मूकदर्शक बने रहे, और पेट्रोल बम, पत्थर चलता रहा।
कहा कि हमले की जानकारी,खबर फैलने के बाद हिन्दू समाज के लोग वहां एकत्रित हुए लेकिन पुलिस प्रशासन निर्दोषों को भी जानबूझकर फंसा रही है।कहा कि रात के 2.30बजे घरों से बुलाकर निर्दोषों को जेल में डाला जा रहा। यह मामला शुद्ध रूप से एक पक्षीय हमला का है लेकिन इसे पुलिस प्रशासन द्वारा द्विपक्षीय बनाकर निर्दोषों को प्रताड़ित किया जा रहा।
उन्होंने कहा कि आखिर कब तक लोग अत्याचार सहते रहेंगे। अगर शांति से पर्व त्यौहार भी मना सकते तो फिर हिन्दू समाज कैसे रहे।कहा कि जिन्हें रंग अबीर से परेशानी हैl उन्हें खून खराबा करने में कोई परेशानी नहीं है।कहा कि जिन्हें रंग अबीर से दिक्कत है ऐसे लोगों को घर में ही रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य का सत्ता पक्ष और पुलिस प्रशासन गलत बयानी कर रहा है। जिनके हाथ में रंग अबीर थे उन्हें जेल भेजा जा रहा और जिन लोगो ने पत्थर फेंके उन्हें बचाया जा रहाlकार्रवाई तो पत्थरबाजों पर होनी चाहिए।कहा कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज को खंगाले,कहां से पत्थर आ रहा था किसने पेट्रोल बम फेंके उसपर कारवाई हो। पत्थर कैसे पहुंचा, किसके घर में पत्थर जमा किया गया इसकी भी जांच हो।

उन्होंने कहा कि एफआइआर देखकर ऐसा लग रहा जैसे हिन्दू समाज के लोग मस्जिद पर आक्रमण करने जा रहे थे।उन्होंने कहा कि अगर लोगों को न्याय नहीं मिलेगा तो भाजपा केवल गिरिडीह में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन करने को बाध्य होगी।उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया कि घोड़ थम्बा थाना प्रभारी और सीओ को तत्काल हटाया जाए।
जिनके दुकान और संपत्ति जलाए गए उन्हें मुआवजा मिले और उन्हें अविलंब वहीं बसाया जाए।निर्दोषों को तत्काल रिहा किया जाए, निर्दोषों को प्रताड़ित करना बंद किया जाए और जो अपराधी हैं उन्हें पकड़ा जाए।कहा कि राज्य सरकार अगर त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो वे गिरिडीह में लोगों को न्याय दिलाने केलिए धरने पर भी बैठने को मजबूर होंगे।

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