सांसद मनीष जायसवाल ने कोनार और तिलैया डैम के विस्थापितों और कोनार सिंचाई परियोजना का मुद्दा लोकसभा में उठाया

  • कोनार डैम और तिलैया डैम के विस्थापितों को सरकार कराएं पुनर्स्थापित,कोनार सिंचाई परियोजना को पूर्ण कर यहां डेवलप करें टूरिज्म: मनीष जायसवाल

हजारीबाग l लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने लगातार अपने संसदीय क्षेत्र से संबंधित जन-जरूरत से जुड़े मुद्दे को मुखरता से देश के सर्वोच्च सदन लोकसभा के पटल पर उठाते हुए समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का कार्य किया है। वर्तमान बजट सत्र के दौरान सोमवार को सांसद मनीष जायसवाल ने एक अत्यंत जरूरी मुद्दे को प्रमुखता से लोकसभा के पटल पर उठाते हुए केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। सांसद मनीष जायसवाल ने लोकसभा के अध्यक्ष से कहा कि अध्यक्ष जी आपके माध्यम से सरकार का ध्यान झारखंड की एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना कोनार परियोजना पर आकृष्ट कराना चाहता हूं। आगे उन्होंने कहा कि इस तिलैया डैम और कोनार डैम का निर्माण 1955 में हुआ था। इन डैम के निर्माण से हजारों गांवों के लोग विस्थापित हुए जिसमें हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के चौपारण, बरही, विष्णुगढ़ और चंदवारा के बहुत सारे लोग शामिल हैं। विस्थापित हुए लोगों का आज तक पुनर्स्थापन नहीं हुआ। सांसद मनीष जायसवाल ने सदन के माध्यम से अपनी मांग रखते हुए सरकार से आग्रह किया कि तिलैया डैम और कोनार डैम के सभी विस्थापितों को अविलंब पुनर्स्थापन कराया जाय ।
सांसद मनीष जायसवाल ने आगे कहा कि कोनार डैम से नहर की योजना 1978 में चालू हुई जो 50 वर्ष बाद आज तक पूर्ण नहीं हो सका और एक भी गांव को इस योजना से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाया। उन्होंने मांग किया कि कोनार डैम के सिंचाई परियोजना को केंद्र सरकार संपूर्ण कराए, यहां हाइडल पॉवर लगाए और कोनार डैम क्षेत्र में टूरिज्म डेवलप करें ताकि लोगों को यहां रोजगार मिल सके। सांसद मनीष जायसवाल ने यह भी कहा कि इस सिंचाई परियोजना से क्षेत्र के करीब 85 गांव को पानी मिलना था और लगभग 63 हज़ार एकड़ भूमि सिंचित होने का लक्ष्य था जो अबतक लंबित है ।

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