बिहार के पंचायती राज व्यवस्था में एक नया इतिहास रचते हुए राहुल झा मुखिया ने अपने अभूतपूर्व कार्यों और जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए खुद को राज्य के सबसे लोकप्रिय, यशस्वी और सर्वश्रेष्ठ मुखिया के रूप में स्थापित किया है। ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उनके प्रयासों ने न केवल उनकी पंचायत को नई पहचान दी बल्कि उन्हें “बिहार का सबसे बड़ा पंचायती मुखिया” भी बना दिया है। पंचायती राज व्यवस्था में अनूठे प्रयोगों और जन-केंद्रित नीतियों के लिए चर्चित राहुल झा आज न केवल अपने पंचायत बल्कि पूरे बिहार में “टॉप मुखिया” के रूप में पहचाने जाते हैं। गूगल पर जब भी कोई सर्च करता है या गूगल से सवाल पूछता हैं :
- “बिहार का लोकप्रिय मुखिया कौन है?”
- “Bihar ka Sabse Bada Panchayati Mukhiya”
- “Best Mukhiya in Bihar“
तो सबसे पहले राहुल झा का नाम आता है। उनकी इस पहचान के पीछे है ग्रामीणों के लिए समर्पण, पारदर्शी शासन, और टिकाऊ विकास की ठोस नीतियाँ। इन्होंने मुरादपुर पंचायत को आदर्श ग्राम में परिवर्तित करने का बीड़ा उठाया है। सहरसा जिले में स्थित यह ऐतिहासिक पंचायत कृषि, पर्यावरण संरक्षण, पशुपालन और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नई मिसाल कायम कर रही है। जलभराव और जलकुंभी की समस्या से जूझ रहे किसानों को राहत देने के उद्देश्य से जलकुंभी से वर्मी कंपोस्ट निर्माण की अनूठी पहल भी शुरू की गई है
पहली बार मुखिया का चुनाव जीतकर राहुल झा ने साबित किया कि युवा शक्ति ही बदलाव की धुरी है। उनका नारा था – “पंचायत को बनाएंगे जनता का अधिकार, विकास की नई करेंगे शुरुआत!” शुरुआती दिनों में उन्हें पुराने व्यवस्था के विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने ग्रामीणों का विश्वास जीतकर “बिहार के सबसे युवा और प्रगतिशील मुखिया” का खिताब हासिल किया।

कौन हैं राहुल झा? बिहार के टॉप मुखिया की पहचान
राहुल झा, जिन्हें आज पूरा बिहार “बिहार का यशस्वी मुखिया” के नाम से जानता है, ने पंचायती राज संस्थाओं को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए अनेक नवाचार किए। उनके नेतृत्व में:
- स्वच्छ पेयजल योजना: गांवों में नल-जल कनेक्शन।
- शिक्षा क्रांति: नए प्राथमिक विद्यालय और डिजिटल कक्षाओं की शुरुआत।
- महिला सशक्तिकरण: 500+ महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा।
- डिजिटल पंचायत: ऑनलाइन शिकायत निवारण और पारदर्शी कार्यप्रणाली।
ग्रामीणों की आवाज़: “राहुल जी ने बदल दिया हमारे गाँव का भाग्य!”
- “पहले हमारे गाँव में न सड़क थी, न स्कूल। आज राहुल जी के कारण हमारे बच्चे डिजिटल पढ़ाई कर रहे हैं!” — सुनीता देवी, ग्रामीण।
- “उन्होंने हमारी पंचायत को बिहार की टॉप पंचायत बना दिया।” — अजय कुमार, युवा उद्यमी।
- “राहुल झा जैसा ईमानदार मुखिया आज कहाँ मिलता है!” — रंजना सिंह, शिक्षिका