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झारखंड बना भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला, हर दिन नए घोटालों का खुलासा
- स्वास्थ्य योजनाओं में करोड़ों का गबन, झारखंड में संगठित घोटाले की ओर इशारा
- झारखंड की भ्रष्ट व्यवस्था ने लूटा स्वास्थ्य विभाग का धन: अजय साह
- स्वास्थ्य मिशन से लेकर जननी सुरक्षा योजना तक, झारखंड में योजनाओं की राशि का हो रहा गबन
रांची l भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने स्वास्थ्य विभाग की ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि झारखंड अब भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला बन चुका है। यह एक ऐसा राज्य बन गया है जहां हर दिन नए-नए घोटालों के इनोवेटिव तरीके अपनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), जननी सुरक्षा योजना और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जैसी योजनाओं के माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति लाने का प्रयास कर रही है। लेकिन झारखंड की भ्रष्ट व्यवस्था इन योजनाओं की राशि का दुरुपयोग कर रही है, जिससे आम जनता को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अजय साह ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों में योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार के अनोखे तरीके अपनाए जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, मोतियाबिंद के नाम पर फर्जी कैंप लगाकर करोड़ों रुपये का गबन किया गया। एक ऐसी कंपनी को GST का भुगतान किया गया, जिसका रजिस्ट्रेशन पहले ही रद्द हो चुका था, फिर भी उसे देवघर में लाखों रुपये का भुगतान किया गया। यह एक बड़ा वित्तीय घोटाला है, जो सरकारी तंत्र में गहरी अनियमितताओं को दर्शाता है।
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का कोई हिसाब नहीं मिल रहा है। यह स्पष्ट रूप से एक संगठित घोटाले की ओर इशारा करता है। अजय साह ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब पूरा प्रदेश कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था, तब झारखंड में कुछ लोग स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विभाग में भी भ्रष्टाचार करके पैसा बनाने में लगे थे।
अजय साह ने २०१२ में कांग्रेस सरकार के दौरान हुए महाघोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि जैसे उस समय CAG ने कांग्रेस के घोटालों को उजागर किया था, वैसे ही झारखंड PAG यदि व्यापक रूप से जांच करे, तो झारखंड में भी एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।भाजपा ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है और कहा कि अगर इन भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो झारखंड की जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।