परिसीमन में सदानों के हितों की रक्षा हो: राजेन्द्र प्रसाद
- पेसा कानून में मूलवासी सदानों को भी सरकार करे शामिल
- झारखण्ड में सहिया-सदान की रही है संस्कृति
बेड़ों(रांची) l मूलवासी सदान और जनजातियों की भाषा संस्कृति एक जैसी है। सदान और जनजाति एक साथ रहते आए हैं। झारखण्ड की भाषा और संस्कृति के लिए साथ खड़े रहे हैं। अलग राज्य के लिए दोनों समुदायों ने शहादत दी और साथ खड़े रहे जिसका परिणाम है की झारखण्ड राज्य मिला। संवैधानिक प्रक्रिया के तहत परिसीमन होने जा रहा है परिसीमन में मूलवासी सदानों के हितों की भी रक्षा हो यह सुनिश्चित करना राज्य और केंद्र सरकार की नैतिक की जिम्मेवारी है। उक्त बातें मुख्य अतिथि मूलवासी सदान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने बेड़ों के बारीडीह पहाड़ा मैदान में मोर्चा द्वारा आयोजित सदान -संसद सह मिलन समारोह में कही।
राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि पेसा कानून रूढ़िवादी परंपरा के के तहत लागू किया जा रहा है, राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि हमारी भाषा और संस्कृति रहन-सहन जनजातियों की तरह ही है, इसलिए झारखंड में शीर्ष पदों पर बैठे लोगों को विचार करना चाहिए और पेसा कानून के तहत मूलवासी सदानों को भी शामिल किया जाना चाहिए। प्रसाद ने सरकार से मूलवासी सदान आयोग बनाने की मांग की है।
65% मूलवासी सदानों की अनदेखी राज्य के लिए घातक
कहा इस बात को को सरकार और राज्य के हर राजनीतिक दलों को समझना होगा। कहा कि असंवैधानिक तरीके से 112 प्रखंडों के तमाम पंचायतों के मुखिया, प्रमुख , जिला परिषद अध्यक्ष के पद को आरक्षित कर दिया गयाl उसमें ऐसे भी कुछ पंचायत थे जहां जनजातियों की एक भी संख्या नहीं थीlजिसके कारण उन पंचायतों में चुनाव नहीं हो सका था। प्रसाद ने कहा कि ओबीसी के आरक्षण को 27 से घटाकर 14 किया गया 7 जिलों में ओबीसी का आरक्षण शुन्य जो असंवैधानिक है।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा सरकार लागू करें
राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने पिछड़ों को तमिलनाडु के तर्ज पर झारखण्ड में 50%तक आरक्षण देने की अनुशंसा की है उसे राज्य सरकार लागू करे।
राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि 2026 में परिसिमन के साथ-साथ विधानसभा की सीट को 160 और लोकसभा की सीट को 28 करने की मांग केन्द्र सरकार से की है। जातीय जनगणना से देश के लोगों को सही जानकारी मिलेगीlराजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि जातीय जनगणना से भेदभाव नहीं होना बल्कि सभी समुदायों के आबादी और आर्थिक आधार का पता चल पाएगा, जिससे सभी वर्गों का उत्थान करने में सरकार को आसानी होगी।
हिंदू- मुस्लिम अधिकार के लिए साथ खड़े रहें
राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम वोटों का बंटवारा नहीं होना चाहिए। कहा हिंदू और मुस्लिम दोनों सदान है ऐसे में अपने बाल बच्चों के भविष्य और राजनीतिक अधिकारों को पाने के लिए साथ खड़े रहने का आह्वान किया।
राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि मूलवासी सदान और जनजातियों की ज्यादातर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में सीबीएसई पैटर्न पर झारखंड के सभी स्कूलों में पढ़ाई होनी चाहिए। राज्य के हर प्रखंडों पर शिक्षकों के लिए क्वार्टर और छात्रों के लिए हॉस्टल होना चाहिए। अस्पताल की सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों में होना चाहिए। उन्होंने मुक्त की योजना की कड़ी निंदा की और कहा इससे देश की प्रगति रुक जाएगी।
सदानों को मुखर होना होगा: क्षितिश
झारखण्ड आंदोलनकारी क्षितिश कुमार राय ने कहा कि जब तक मूलवासी सदान अपने अधिकारों के प्रति मुखर नहीं होंगें lतब तक सरकार और राजनीतिक मनमानी करेंगेंl क्षितिश कुमार राय ने कहा कि मूलवासी सदानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। हम सभी को संगठित होकर अपने उपेक्षा के खिलाफ लड़ना होगा।
राय ने कहा कि ईडब्ल्यूएस के तहत मिलने वाली 10%आरक्षण सवर्ण सदानों को ही मिले हेमंत सरकार से सुनिश्चित करने को कहा।
सदान-सांसद व मिलन समारोह को सम्बोधित करने वालों में वाणी राय, प्रो अरविंद कुमार, प्रो अमर गोप, विशाल सिंह विशाल साहू मुकेश साहू,अफरोज आलम, सुशील साहू, नवदीप महतो ,मुमताज खान,उमेरा खातुन, बसंती देवी, सरिता देवी,नवल किशोर सिंह, सुषमा देवी, सुदर्शन ठाकुर, मुरारी पाण्डेय, राधेश्याम सिंह, रशीद मीर आनन्द सुरेश महतो,कोरेश मिरदाह, दीलीप सोनी, बन्दे महतो,महान्द सिंह, मोहन शेखर,राम लखन सिंह, आदित्य गिरी, उपेन्द्र गिरी,जय प्रकाश संजय राय, आदित्य चौधरी के अलावा खुंटी सिमडेगा, गुमला रांची से सैकड़ों मूलवासी सदान उपस्थित थे।अध्यक्षता धनंजय कुमार राय, संचालन विश्वनाथ गोप, धन्यवाद ज्ञापन उमेरा खातुन ने किया।