यह राज्यपाल का अभिभाषण नहीं बल्कि सरकार का श्वेत पत्र है : हेमंत
रांची l सदन की कार्यवाही के अंतिम दिन के पहले हाफ में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह अभिभाषण सदन में अब तक पढ़े गए सभी अभिभाषण में सबसे छोटा और सबसे स्पष्ट एवं प्रभावशाली है। यह अभिभाषण नहीं बल्कि सरकार का श्वेत पत्र है। सरकार क्या करना चाहती है और राज्य को किस दिशा में ले जाना चाहती है, इससे साफ हो रहा है।
उन्होंने कहा कि देश की तमाम बड़ी कंपनियां जैसे सेल बोकारो, एसईसी, सिंदरी खाद फैक्ट्री इसी राज्य में लगी। इसके बाद भी समझ से परे है कि यहां के लोग भूमिहीन होने लगे, विस्थापित और बेरोजगार होने लगे। पलायन होने लगे। यह बहुत गंभीर विषय रहा है। हमने झारखंड राज्य के लिए लड़ाई लड़ी।
तब देश में सामंती विचार के लोग राज्य आंदोलन के अग्रणी नेताओं पर कटाक्ष करते थे। कहते थे मांझी लोग राज्य ले पाएगा। ये लोग हंडिया दारू पीकर पेड़ के नीचे पड़ा रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लंबी लड़ाई लड़ी और असंभव को संभव कर दिखाया।
सवाल है – साल 2000 से 2019 तक इस राज्य को क्या मिला
सरकार की ओर से उत्तर देते हुए सीएम हेमंत ने कहा कि भाजपा कहती है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकार बनाई। ऐसा सही है। सरकार बनी पर राज्य के लोगों को हक नहीं मिला। राज्य के आंदोलन में कितनों से जान गंवाई। इस पीड़ा को हम समझ सकते हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि साल 2000 से 2019 तक इस राज्य को क्या मिला।
उस समय (साल 2000 से 2019 तक ) यहां हाथ में राशन कार्ड लेकर लोग भात-भात कर मर गए। किसानों ने आत्महत्या की। यह हाल भाजपा ने राज्य का कर डाला। साल 2019 में महागठबंधन की सरकार बनी। तब भी इन्होंने सरकार गिराने के लिए कौन से हथकंडे नहीं अपनाए।
प्रोजेक्ट बिल्डिंग नहीं गांव से चलने वाली है सरकार
उन्होंने कहा कि अभिभाषण में सब कुछ साफ है। यह सरकार प्रोजेक्ट बिल्डिंग से चलने वाली नहीं गांव से चलने वाली सरकार है। हम जिस तत्परता से पहले काम किए इस बार भी ऐसा ही करेंगे। जब तक गांव का विकास नहीं होगा तब तक राज्य का विकास नहीं होगा। झारखंड संघर्ष की ऊपज है। खून से सींचा गया राज्य है झारखंड। हमारा लक्ष्य साफ है। हर वर्ग के सपने को पूरा करेंगे।
कहा कि 2019 में हमने राज्य के विकास की नींव डाली। अब बिल्डिंग बनाना है। मैं बोलने का इच्छुक नहीं काम कर के दिखाना चाहता हूं। राज्य अलग होने के बाद परिवर्तन दिखा है तो साल 2019 के बाद ही दिखा है। देश का पहला राज्य है जिसने मजदूरों के लिए कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के साथियों से भी सहयोग की अपेक्षा होगी।
सदन में लहराया संविधान और मनुस्मृति
सरकार के जवाब से पहले सदन की कार्रवाई शुरू होते ही राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने भाजपा पर जम कर बरसे। उन्होंने सदन में संविधान की कॉपी और मनुस्मृति दोनों लहराया। कहा कि इस विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा पर भरोसा नहीं किया। उन्होंने कहा राज्यपाल का अभिभाषण बता रहा है कि हम नारों पर चलने वाली सरकार नहीं है। हम काम पर भरोसा करते हैं।
उन्होंने कहा कि कल हम प्रतिपक्ष के कुछ नेताओं को सुन रहा था। वो कह रहे थे ये कागजों पर सिमट कर रहा जाएगा। मगर उन्हें सोचना चाहिए। हमने जो किया, वो कर दिखाया। तभी तो जनता ने भरोसा जताया और मुहर लगाया। हम पर भरोसा जताया तो 44 से 54 पर आए, आप पर भरोसा नहीं दिखाया आप 24 पर चले आए। भाजपा अगर ऐसी ऊटपटांग बातें करेंगे तो सदन से भी बाहर हो जाएंगे।
धोखा देने की भाजपा की पुरानी आदत
विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि जनता को धोखा देने की भाजपा की पुरानी आदत है। मैं इनके फसानों और तरानों पर कुछ नहीं कहना चाहता। चुनाव के समय इनके धोखेबाजी की सीरियल चला। एक व्यक्ति आया हिमंत विस्व शरमा। वो इस सीरियल का खुद को अभिनेता कहता था। प्रदीप यादव ने सदन में एक फोटो दिखाते हुए कहा कि यह तस्वीर मोदी लॉन्ड्री योजना से निकली है। इसमें जो भी हैं, वो सभी इसी योजना का लाभ लिए हुए हैं।
उन्होंने बाबूलाल मरांडी को हिमंत विस्वा शरमा का सहयोगी बताते हुए उनकी एक तस्वीर दिखाई और बताया कि कैसे इन्होंने गोगो दीदी योजना का फार्म भरने की बात कही। प्रदीप यादव ने भाजपा को संविधान विरोधी बताया। सदन में मनुस्मृति दिखाते हुए कहा कि भाजपा संविधान पर नहीं इस पर चलने वाली है।
सरकार से अग्राह NRC करा दिया जाए : बाबूलाल मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सदन में भाजपा को ऐसे बताया जा रहा है कि मानो पार्टी एकदम खत्म हो गई है। जबकि ऐसा नहीं है। आंकड़े में हम जरूर कमजोर हैं पर जनता ने हमें 33 फीसदी से अधिक वोट दिया है।
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के मणिपुर नहीं जाने पर बात हो रही है जबकि चाईबासा के गुदड़ी में सेंदरा हो रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि पुलिस काम नहीं कर रही है। वहां तो सरकार ने जाना उचित नहीं समझा।
सदन में बाबूलाल ने एक बार फिर डेमोग्राफिक बदलाव की बात की। कहा कि अगर सरकार इसे नहीं रोक पा रही है तो सरकार से आग्रह कि NRC करा दिया जाए। हम स्थिति स्पष्ट कर देंगे। राज्यपाल के अभिभाषण पर कहा कि उनसे सरकार ने घोषणा पत्र पढ़वा लिया।
लेकिन सरकार इस घोषणापत्र पर अभी से कटौती कर रही है। उन्होंने सरकार को याद दिलाया कि घोषणापत्र में 32 सौ रुपए में धान खरीदने की बात कही पर ऐसा नहीं हो रहा है। सरकार अब भी 24 सौ रुपए में ही खरीद रही है। बाबूलाल ने बालू नीलामी, आवास योजना आदि पर भी अनी बात रखी।
विधायक हेमलाल के जवाब पर हुआ विवाद
राज्यपाल के अभिभाषण पर बात रखते हुए लिट्टीपाड़ा विधायक हेमलाल मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने अपनी बात रखते हु भाजप पर कटाक्ष किया। कहा कि जनता भी चाहती है कि आप विपक्ष में बैठें। उन्होंने गोगो दीदी योजना पर सवाल खड़े किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे अच्छे मित्र चंपाई सोरेन को कौन सा भूत छुआ कि वो उनकी ओर जा कर बैठ गए। कहा कि मेरा उधर (भाजपा) 10 साल का अनुभव है। वहां क्या है नहीं है, सब पता है। लगता है आप भी 10 साल बाद ही आइएगा।
बाबूलाल का आदिवासियों पर पकड़ समाप्त
बाबूलाल पर कहा कि आपका आदिवासियों पर पकड़ समाप्त हो गया है। लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा आदिवासियों ने आपको नकारा है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ही राज्य का विकास कर सकती है। भाजपा इस बजट पर भी टीका टिप्पणी कर रही है। हम बाबूलाल जी और चंपाई जी से कहना चाहते हैं कि आप अपने गाल को बजाना बंद कर दीजिए। इस वक्तव्य के बाद उन्होंने गैर संसदीय शब्द का इस्तेमाल किया, जिसे सदन ने स्पंज कर दिया। इस पर भाजपा विधायक नीरा यादव ने हंगामा कर दिया। उन्होंने हेमलाल मुर्मू से माफी मांगने की मांग सदन से कर दी।
मथुरा महतो बने JMM के मुख्य सचेतक
इधर सदन की कार्यवाही के पहले हाफ में विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने टुंडी विधायक मथुरा महतो को सत्तारूढ़ दल जेएमएम के मुख्य सचेतक के रूप में मान्यता प्रदान की।