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रोती बिलखती सड़कों पर मिली एक मासूम छात्रा

बरकाकाना(रामगढ़)lबच्चों को शिक्षा अनिवार्य रूप से मिल सके। इसे लेकर सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2010 लागू की गई है। ताकि सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके। वहीं दूसरी और शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के साथ परिजनों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण बच्चे शिक्षा ग्रहण करने से वंचित हो रहे हैं। कुछ इसी तरह का मामला मंगलवार को देखने को मिला। जहां लगभग 8 से 10 वर्ष की एक छात्रा नैना कुमारी, पिता नरेश बेदिया स्कूल ड्रेस में रोते हुए सड़क पर भटक रही थी। तभी बरकाकाना केंद्रीय कर्मशाला बरकाकाना के मुख्य द्वार के पास उक्त बच्ची को समाज के लोगों ने रोक कर रोने का कारण जानने का प्रयास किया गया। छात्रा नैना कुमारी द्वारा बताया गया की वह सांडी तिलैया के रहने वाली हैं। भुरकुंडा कुरसे में अपने मौसा संतोष बेदिया के घर पर रहकर ‌ भुरकुंडा में स्थापित फंडामेंटल विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करती है। मौसी द्वारा घर से भगा दिए जाने के कारण भुरकुंडा से पैदल चलते हुए अपने माता-पिता के घर तिलैया जा रही हूं। जिसकी जानकारी समाज के लोगों द्वारा बरकाकाना ओपी प्रभारी व बच्ची के मौसा संतोष बेदिया को दिया गया। ताकि बच्ची को परिजनों को सौप जा सके।