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भाकपा माले हेमंत सरकार में नहीं होगा शामिल

  • बाहर से करेंगे समर्थनः दीपांकर भट्टाचार्य

रांची l झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे की समीक्षा और इंडिया ब्लॉक की नई सरकार में शामिल होने या नहीं होने को लेकर सीपीआई माले स्टैंडिंग कमोटी की बैठक हुई. बैठक के बाद पार्टी राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन किया. उन्होंने कहा कि माले सरकार में शामिल नहीं होकर बाहर से इंडिया ब्लॉक की सरकार को समर्थन देl
झारखंड प्रदेश भाकपा माले कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सरकार में शामिल होने या नहीं होने पर पक्ष रखा और कहा कि हमारे विधायकों की संख्या अभी इतनी नहीं है कि हम सरकार में शामिल हो. जब 8-10 सीट जीतेंगे तब सोचेंगे. संवाददाता सम्मेलन के दौरान दीपांकर भट्टचार्य ने कहा कि भाजपा द्वारा इतना जहरीला चुनाव अभियान कभी नहीं देखा. इसका जवाब झारखंड की जनता ने दिया हैl
सीपीआई माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बगोदर में हार अचंभित करने वाली रही है. सदन में विनोद सिंह की कमी महसूस होगी. लेकिन उनके अनुभव से हमारे दोनों विधायक सदन के बाहर और अंदर अल्पसंख्यक, आदिवासी और गरीबों के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा कि मासस के विलय के बाद अब हम संगठन का विस्तार करेंगे और जनता तक अपनी आवाज पहुंचाएंगेl
सीपीआई माले के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि जिस दिन माले के पास 8 से 10 विधायक होंगे तब सरकार में शामिल होने पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि शहरी सीटों पर भाजपा अभी मजबूत है, उसे रोकना जरूरी है. सरकार समन्वय समिति बनाए, हम उसमें जरूर शामिल होंगे. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बोर्ड निगम में माले शामिल होने पर विचार कर सकता है. लेकिन हमारा कोई दावा नहीं होगाl
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी 26 जनवरी 2025 तक संविधान संकल्प यात्रा निकालेगी और वामपंथी आंदोलन को तेज किया जाएगा. पार्टी अडानी मामले, संभल और अजमेर शरीफ की घटना का भी विरोध करेगी, उन्होंने कहा कि माले का शिष्टमंडल संभल जाकर वहां की घटना का जायजा लेगा. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बांग्लादेश सरकार से अपील है कि वहां के अल्पसंख्यक समुदाय के हक और अधिकारों की रक्षा करे. यह लोकतंत्र के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि देश में 1947 में धार्मिक स्थलों की जो स्थिति थी वही बरकरार रखा जाना चाहिएl