- जातीय जनगणना भी होना चाहिए
रांचीlमूलवासी सदान मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि परिसीमन कराना संवैधानिक प्रक्रिया है। इसमें कोई राजनीतिक नहीं होना चाहिए। बिना किसी का नाम लिए कहा कुछ नेता ने परिसीमन को लेकर सवाल खड़े किए हैं जो कहीं से भी सही नहीं है।राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि कुछ लोग मूलवासी के नाम पर घड़ियाल आंसू बहाते हैं। मूलवासी की बात करने वालों से सवाल किया, कि मूलवासी कौन है? प्रसाद ने कहा कि मूलवासी को ही सदान कहा जाता है। जिनकी आबादी 65%है,सिर्फ लोग मूलवासी सदानों की बात कर सदानों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का काम करते हैं। मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि जब 112 प्रखंडों के तमाम पंचायतों के मुखिया, प्रमुख , जिला परिषद अध्यक्ष के पद को आरक्षित कर दिया गया उसमें ऐसे भी कुछ पंचायत थे जहां जनजातियों की एक भी संख्या नहीं थीlजिसके कारण उन पंचायतों में चुनाव नहीं हो सका था। प्रसाद ने कहा जब ओबीसी के आरक्षण को 27 से 14 किया गया 7 जिलों में ओबीसी का आरक्षण शुन्य किया गया उसे समय मूलवासी की बात करने वाले नेता कुछ नहीं बोला।
प्रसाद ने कहा कि झारखण्ड में सहिया- सदान की संस्कृति रही हैl लेकिन कुछ लोगों इसके बारे में कुछ जानकारी नहीं है। राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि 2026 में परिसिमन होने और विधानसभा की सीट बड़ाने से मूलवासी सदानों को भी राजनीतिक अधिकार मिलने की उम्मीद है। प्रसाद ने कहा ऐसे में कोई राजनीतिक दल के नेता परिसीमन कराने को लेकर सवाल खड़ा करे कहीं से औचित्य नहीं है।
जातीय जनगणना से देश के लोगों को सही जानकारी मिलेगीl
राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि जातीय जनगणना से भेदभाव नहीं होना बल्कि सभी समुदायों के आबादी और आर्थिक आधार का पता चल पाएगा, जिससे सभी वर्गों का उत्थान करने में सरकार को आसानी होगी।