- संघर्षों के बाद ही मिलती है सफलता, आत्मविश्वास से सफलता की असली कुंजी:लक्ष्मी मिश्रा
बसंत कुमार
बरकाकाना(रामगढ़)lऔरत तेरी यही कहानी आंचल में है दूध और आंखों में है पानी,जैसे कहावत को गलत साबित करते हुए महिलाएं आज पुरुष के साथ कदम से कदम ताल करते हुए देश सेवा में अपनी अग्रिम भूमिका निभा रही है। कुछ इसी तरह की कारनामा सीसीएल कर्मी लक्ष्मी मिश्रा ने कर दिखाया है। जिन्होंने अपने पति के देहांत होने के बाद केंद्रीय कार्यशाला बरकाकाना में सुरक्षा कर्मी के रूप में तैनात होकर अपनी सफलता की कहानी गढ़नी शुरू की है। ड्रिल ऑपरेटर लक्ष्मी मिश्रा द्वारा बताया गया कि सीसीएल में योगदान दिए जाने के बाद से ही मन में कुछ कर गुजरने की जज्बा थी। जिसे लेकर सीसीएल के अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई गई। अधिकारियों द्वारा महिला होने के कारण हमारे गुहार को अनदेखी कर दी गई। वर्ष 2021 में केंद्रीय कर्मशाला बरकाकाना से रजरप्पा स्थानांतरण हुई। रजरप्पा के महाप्रबंधक को अपनी भावनाओं से अवगत कराया गया। जहां मुझे सीसीएल के अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला। अधिकारियों द्वारा हमारे भावनाओं को सम्मान करते हुए बड़े-बड़े मशीनों का ऑपरेट किए जाने को लेकर मुझे खदान के अंदर भेजे जाने लगा। जहां सफलता पूर्वक मशीनों को संचालन किया जाने लगी। हमारे कार्य शैली से प्रभावित होकर सीसीएल के अधिकारियों द्वारा ड्रिल ऑपरेटर के रूप में मुझे रजरप्पा में नियुक्त की गई है। हमारे कार्य शैली को देखते हुए अधिकारियों द्वारा कई तरह के पुरस्कारों से मुझे सम्मानित किया गया है। विशेष रूप से सीसीएल के तत्कालीन सीएमडी व वर्तमान समय में कॉल इंडिया के चेयरपर्सन पीएम प्रसाद द्वारा रांची में सशक्त महिला पुरस्कार देकर सम्मानित की गई थी। पिछले दिनों रांची मुख्यालय मे आयोजित पिंक इवनिंग अवार्ड सीएमडी नीलेंदु कुमार सिंह की धर्मपत्नी द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है। पुरस्कार मिलने के बाद सीसीएल कर्मियों में हर्ष की माहौल देखा जा रहा है।