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रोगाणुओं को रोकने का सरल और प्रभावी तरीका है हैंडवाश : विवेक प्रधान

भुरकुंडा। श्री अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में मंगलवार को ग्लोबल हैंडवाश डे मनाया गया। इस अवसर पर जागरूकता से संबंधित कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। प्रातःकालीन सभा में बच्चों को हैंडवाश एवं व्यक्तिगत स्वच्छता का महत्व बताते हुए स्वच्छता को आदत में शुमार करने के लिए प्रेरित किया गया। हैंडवाश दिवस के इस वर्ष के थीम स्वच्छ हाथ अभी भी क्यों महत्वपूर्ण है पर चर्चा की गई। बच्चों ने पेंटिंग, संवाद, भाषण के माध्यम से हैंडवाश के महत्व को सामने रखा। हैंडवाश के अलावा बच्चों को शारीरिक स्वच्छ्ता का भी महत्व बताते हुए कहा गया कि अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता से आप स्वस्थ रह सकते हैं और दूसरों को बीमार होने से भी बचा सकते हैं। व्यक्तिगत स्वच्छ्ता में नियमित स्नान, शरीर की साफ-सफाई का ध्यान रखना, स्वच्छ कपड़े पहनना, हाथ-मुंह धोना, समय पर नाखून-बाल काटना और दांतों की सफाई शामिल है। सभी ने स्वच्छ्ता का संकल्प भी लिया। प्राचार्य विवेक प्रधान ने कहा कि हाथ धोने से कई तरह के इंफेक्शन से बचा जा सकता है। साबुन और पानी से हाथ धोना रोगाणुओं के प्रसार को रोकने और स्वस्थ रहने के सबसे सरल और प्रभावी तरीकों में से एक है। हाथ साफ रखने से डायरिया संबंधी बीमारियों और श्वसन संक्रमण जैसी बीमारियों से सुरक्षित रहा जा सकता है। कोविड महामारी ने हमें प्रभावी ढंग से हाथ धोने के महत्व का एहसास कराया।आयोजन को सफल बनाने में दीपिका तिवारी, बसंत कुमार, दिव्या कुमारी, सोनम खातून, प्रीति कुमारी, रीता राय, मम्पी पॉल का योगदान रहा।

हाथ धोने का सही तरीका बताया गया

बच्चों को हाथ धोने का सही तरीका बताया गया। हाथ धोने में हथेलियां, हाथों के पीछे का हिस्सा, अंगुलियों के बीच का हिस्सा, अंगुलियों के पीछे का हिस्सा, अंगूठे, अंगुलियों के सिरे व कलाई को धोना शामिल है। हाथ रगड़ने की पूरी प्रक्रिया कम से कम 20 सेकंड की होनी चाहिए। खाने से पहले, टॉयलेट का उपयोग करने के बाद, खांसने या छींकने के बाद, बाहर से आने के बाद यह हैंडवाश अत्यंत आवश्यक है। हाथ धोने से हैजा, डायरिया, कुपोषण, पेट में कीड़े, निमोनिया और कोविड जैसी कई बीमारियों से बचा जा सकता हैl