रामगढ़ l श्री दिगंबर जैन मंदिर एव रांची रोड स्थित श्री पारसनाथ जिनालय मे दसलक्षण पर्व के छठे दिन उत्तम सयंम धर्म का पूजा पुरे विधि विधान के साथ सम्पन हुआl
जलाभिषेक रामगढ़ योगेश सेठी,निशा सेठी,सुभाष सेठी,राजकुमार काला, ऋषभ काला,विनय जैन मिथलेश जैन, अमराव देवी पाटनी,मानिक चंद पाटनी,रांची रोड राजीव जैन शांतिधारा रामगढ़ अशोक काला,अमित काला,रांची रोड राजीव जैन
कल देर शाम रांची रोड जिनालय मे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गयाlजिसमे बच्चों के द्वारा धार्मिक भजन गाया गयाlसभी बच्चों को पुरस्कृत किया गयाl जिसका स्पॉन्सर श्रीमती अमराव देवी पाटनी,मानिक जैन थेl
पंडित रमेश जैन शास्त्री,राजेश जैन और पंकज जैन ने बताया उत्तम सयम धर्म प्राणी-रक्षण और इन्द्रिय दमन करना संयम है।स्पर्शन, रसना, घ्राण, नेत्र, कर्ण और मन पर नियंत्रण (दमन, कन्ट्रोल) करना इन्द्रिय-संयम है। पृथ्वीकाय, जलकाय, अग्निकाय, वायुकाय, वनस्पतिकाय और त्रसकाय जीवों की रक्षा करना प्राणी संयम हैl इन दोनों संयमों में इन्द्रिय संयम मुख्य हैl क्योंकि इन्द्रिय संयम प्राणी संयम का कारण हैlइन्द्रिय संयम होने पर भी प्राणी संयम होता हैंl बिना इन्द्रिय संयम के प्राणी संयम नहीं हो सकता।
इन्द्रियाँ बाह्म पदार्थों का ज्ञान कराने में कारण हैlइस कारण तो वे आत्मा के लिये लाभदायक हैंl क्योंकि संसारी आत्मा इन्द्रियों के बिना पदार्थों को जान नहीं सकता। पँचेन्द्रिय जीव की यदि नेत्र-इन्द्रिय बिगड़ जावे तो देखने की शक्ति रखने वाला भी आत्मा किसी वस्तु को देख नहीं सकता।
परंतु इन्द्रियाँ अपने-अपने विषयों की ओर आत्मा तो आकृष्ट (खींच) करके पथभ्रष्ट कर देती हैं, आत्मविमुख करके आत्मा को अन्य सांसारिक भोगों में तन्मय कर देती हैंlमोहित करके विवेक शून्य कर डालती हैंl जिससे कि साँसारिक आत्मा बाह्म-दृष्टि बन कर अपने फँसने के लिये स्वयं कर्मजाल बनाया करता है। इन्द्रियों का यह कार्य आत्मा के लिये दुख दायक है।मौके पर समाज अध्यक्ष मानिक चंद जैन,मंदिर मंत्री देवेंद्र गंगवाल ने बताया की कल उत्तम त्याग धर्म का पूजा किया जायेगाl