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शहीद सिद्धो व कान्हू के शहादत को हुल दिवस के रूप में मनाई गई

सिद्धो और कान्हू ने आज़ादी की पहली लड़ाई लड़ी : मनोज नारायण भगत

हजारीबागlआज जिला कांग्रेस कार्यालय कृष्ण बल्लभ आश्रम में शहीद सिद्धो और कान्हू की शहादत को हूल दिवस को हजारीबाग महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष मनोज नारायण भगत के अध्यक्षता में कृष्ण बल्लभ आश्रम कांग्रेस कार्यलय में कांग्रेसजन के उपस्थित में श्रद्धा सुमन, श्रद्धा फूल माला चढ़ाया गया और गगनभेदी नारों से वातावरण गूंज उठाl इस अवसर पर कांग्रेस महानगर अध्यक्ष मनोज नारायण भगत ने कहा 30 जून 1855 को क्रांतिकारी नेता सिंधु मुर्मू एवं कान्हू मुर्मू के आव्हान पर बरहेट के भोगनाडीह में 20 हज़ार संथालों ने ब्रिटिश हुकूमत के अधीन महाजनी प्रथा और सरकार की बंदोबस्ती नीति के खिलाफ विद्रोह किया था । इस विद्रोह का मूल कारण था आदिवासियों से 50 प्रतिशत से 500 प्रतिशत तक खेती कर वसूल करना । इस अन्याय के खिलाफ जब भाई सिन्धो, कान्हू, चांद, भैरव और बहने फूलों झानो ने आवाज उठाई तो सैकड़ो लोगों ने इनका स्वागत किया और अपने परंपरागत तीर धनुष के साथ भोगनाडीह गांव में जमा होकर खुद को स्वतंत्र घोषित किया तथा स्थानीय जमींदार, पूंजीपतियों, सूदखोरों के खिलाफ जंग छेड़ने की शपथ ली । इसके लिए इनका एकमात्र नार था जमींदार महाजन, पुलिस ,राजदेन आमला को गुजकमाड अर्थात जमींदार, महाजन, पुलिस और सरकारी अमलों का नाश हो । यह क्रांति भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उग्र क्रांतियां में से एक था जिसमें सैकड़ो लोग शहीद हुए थे ।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता निसार खान, उपाध्यक्ष मकसूद आलम, राजू चौरसिया, केडी सिंह कोषाध्यक्ष सुनील कुमार अग्रवाल, दिलीप कुमार रवि, कजरु साव, अनिल भुईया, कौशल कुमार सिंह, विजय सिंह, डॉ भैया असीम कुमार, अमृतेश रंजन, परवेज अहमद, अमर सिंह यादव आदि उपस्थित रहे ।