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जमीन को लेकर खूनी संघर्ष,दोनों पक्षों ने दर्ज कराई प्राथमिकी

दोनों तरफ से चली तलवार,हवाई फायरिंग से फैली दहशत

रामगढ़। शहर के बंगाली टोला जमीन के विवाद में हुए खूनी संघर्ष के बाद दहशत के माहौल में जी रहा है। यहां दो पक्षों में हुए खूनी संघर्ष ने यह बता दिया कि तलवार और पिस्तौल से कभी भी जानलेवा हमला हो सकता है। बंगाली टोला के खाता नंबर 232 प्लॉट नंबर 3341 और 3344 पर एक तरफ खतियानी रैयत विनोद सिंह और उनके परिवार वालों ने अपना दावा पेश किया, तो दूसरी तरफ देहूति ठाकुर पति स्वर्गीय पशुपति ठाकुर के पावर ऑफ अटॉर्नी पर चंद्रमा यादव और कौशल किशोर शर्मा ने अपना दावा ठोक दिया।
इस जमीन पर एक मार्च को जब चंद्रमा यादव और कौशल किशोर शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ जेसीबी चलाया तो विनोद सिंह और उनके परिवार वालों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। लेकिन उन दोनों पक्षों में ऐसा खूनी संघर्ष हुआ कि कई लोग लहूलुहान हो गए। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से रामगढ़ थाने में प्राथमिक के दर्ज की गई है।
शनिवार को थाना प्रभारी अजय कुमार साहू ने बताया कि पहले प्राथमिकी 52/24 चंद्रमा यादव और कौशल किशोर शर्मा के बयान पर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा है कि पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर उन्होंने अमीन से नापी कराई और जमीन पर जेसीबी चला रहे थे। इसी दौरान विनोद सिंह, अर्जुन सिंह, भोलू सिंह, रविंद्र सिंह, रामनाथ उर्फ छोटकू, लॉरेन सिंह,सागर विश्वकर्मा, दीपक वर्मा, पप्पू सिंह ने उन पर जानलेवा हमला किया।
दूसरी प्राथमिकी 53/24 लोहार टोला काली मंदिर निवासी नरेंद्र नाथ सिंह ने दर्ज कराई है। उन्होंने कहा है कि उनकी जमीन पर पुस्तैनी दखल कब्जा है। जिस पर सुनील ठाकुर पिता स्वर्गीय पशुपति ठाकुर, विशाल शर्मा, विकास शर्मा, राहुल शर्मा, विनीत शर्मा चारों के पिता कौशल किशोर शर्मा, विजय यादव, अजय यादव, प्रकाश यादव शाहिद 3035 लोग उनकी जमीन पर जेसीबी चला रहे थे। जब उन्हें सूचना मिली तो वह अपने भाई विनोद सिंह भतिजा अर्जुन सिंह के साथ स्कूटी से वहां पहुंचे। जब उन लोगों ने उन्हें काम करने से रोका तो उन पर तलवार से हमला हुआ और फिर पिस्तौल निकाल कर हवाई फायरिंग की गई। उन्हें वहां से भागने को कहा गया इसके बाद। इस दौरान उन लोगों को लहूलुहान कर दिया गया। उनके भाई विनोद सिंह पर ऐसा हमला किया है कि चिकित्सकों ने उन्हें इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया।