राज्यसभा सांसद महुआ माजी हुई शामिल
रामगढ़lझारखंड बंगाली समिति द्वारा मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में बंगला भाषा गोष्ठी का आयोजन 25 फरवरी को झारखंड बंगाली समिति, जिला कमिटी, रामगढ़ के तत्वावधान में बंगला भाषा गोष्ठी का आयोजन राँची रोड में किया गया। इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि का आसन राज्यसभा सांसद (रांची) डाॅ महुआ माजी ने अलंड्डत किया। गोष्ठी के प्रारंभ में झारखंड बंगाली समिति, जिला कमिटी, रामगढ़ के सचिव सुबोध चौधरी ने विषय प्रवेश किया। उन्होंने बंगला भाषा-संस्कृति को कायम रखते हुए झारखंड में बंगला भाषा शिक्षण पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि झारखंड में प्रारंभिक स्तर पर बंगला भाषा की पढ़ाई न होने के कारण बंगालियों के बीच भी यह भाषा विलुप्त होती जा रही है। इसे रोकना अत्यंत आवश्यक है। जरूरत है प्राथमिक स्तर पर बंगला भाषा शिक्षण, तदोपरांत माध्यमिक एवं बाद में उच्च स्तर पर। ज्ञातव्य हो कि बंगला झारखंड की द्वितीय राजभाषा है। झारखंड में बंगला भाषा के अस्तित्व को बचाए रखना ही होगा।
इसके बाद मुख्य अतिथि डा.महुआ माजी ने भी बंगला भाषा के महत्व, बंगाली भाषा-संस्कृति, संगीत, खान-पान इत्यादि पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए। इस गोष्ठी में बेरमो से इंटक अध्यक्ष श्री श्यामल सरकार अपने क्षेत्र से सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। उन्होंने भी अपने वक्तव्य में बंगला भाषा के उत्थान के संबंध अपने विचार व्यक्त किए। इस गोष्ठी में अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिन्हें बाद में कमिटी की ओर से पुरस्कृत किया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में देवघर से पार्थो मुखर्जी एवं विकास मित्रा, महेश चौधरी, अर्पण गुहा राय, आलोक घोष, पूलक घोष, विजय बनर्जी, अमित कर, सीमा चौधरी (अधिवक्ता), सोनाली देवघरिया, महिमा चौधरी, सम्पा गुहा राय, मिठू देवघरिया, निवेदिता गुप्ता, सौमी चौधरी, बैशाखी चौधरी, अजय चौधरी, श्यामल देवघरिया, बुलू देवघरिया, बर्नाली मुखजी, अंजली चौधरी, प्रतिभा गुहा राय, अजय भट्टाचार्य, दिप्ति भट्टाचार्य, विनोद देवघरिया, इशिका देवघरिया, शुभेन्दु बोस इत्यादि अनेक व्यक्ति उपस्थित थेlउपरोक्त जानकारी जिला सचिव सुबोध चौधरी द्वारा दी गई।