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हेमंत गलत नहीं हैं तो कोर्ट को बताएं, मगर कोई कानून से ऊपर नहीं : अमर बाउरी

रांची। झारखंड विधानसभा में सोमवार को विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने कहा कि हेमंत गलत नहीं हैं तो कोर्ट को बताएं, मगर कोई कानून से ऊपर नहीं है। हेमंत सोरेन की सरकार भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों की वजह से गयी है।
उन्होंने कहा कि क्या इन्हें नहीं पता है कि राज्यपाल का अभिभाषण केंद्र सरकार लिखकर नहीं देती है, राज्य सरकार लिखकर देती है। केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद कहीं भी राष्ट्रपति शासन नहीं लगा। राज्यपाल के भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों की हूटिंग सही नहीं है। हेमंत सोरेन आदिवासी लीडर हो सकते हैं, लेकिन आदिवासियों, दलित और पिछड़े वर्ग के लीडर नहीं हो सकते हैं।
विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग की बात करें तो कांग्रेस के शासनकाल में विभिन्न राज्यों में करीब 90 बार से अधिक राष्ट्रपति शासन लगाया गया। इंदिरा गांधी के कार्यकाल में सबसे अधिक 50 बार लगाया गया।
अमर बाउरी ने कहा कि भाजपा ने आदिवासियों को आगे बढ़ाने का काम किया। शिबू सोरेन को पहली बार बाबूलाल मरांडी ने राज्यसभा भेजा। एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति भाजपा ने बनाया। बावरी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का आदिवासी प्रेम केवल ढोंग है। उसने मधुकोड़ा को मुख्यमंत्री बनाकर जेल भेजने का काम किया। शिबू सोरेन को भी जेल भेजने का काम कांग्रेस ने किया। कांग्रेस की सरकार रहती तो हेमंत बाबू इतने दिन तक मुख्यमंत्री नहीं रहते। कांग्रेस कभी नहीं चाहती है कि यहां के आदिवासी, दलित और पिछड़ों का विकास हो। उन्होंने कहा कि इनका सरकार पर विश्वास नहीं है।
उन्होंने कहा कि कई आदिवासियों को पद्मश्री किसने दिया। गौरव दिवस मना कर आदिवासियों को किसने पहचान दिलाई। यह सभी काम भाजपा ने किए। कांग्रेस जिसके साथ रही है उसे दीमक की तरह खाने का कम करती हैं। इसके कई उदाहरण हैं।