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यूक्रेन से सरकार ने 93 करोड़ खर्च कर 18282 नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया

भारतीय समुदाय कल्याण कोष के तहत 3 साल में खर्च हुए 245 करोड़

137 देशों में काम कर रहा भारतीय समुदाय कल्याण कोष

सांसद संजय सेठ के सवाल पर केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री का जवाब

रांची। रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से भारत सरकार ने अपने देश के नागरिकों को लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया था। इस मामले में रांची के सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में यह सवाल पूछा था कि ऑपरेशन गंगा को सफल बनाने में सरकार की कितनी राशि खर्च हुई? कितने नागरिकों को वापस लाया गया और इसके लिए कितने विमानों का उपयोग हुआ? इन सवालों का जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री श्री वी० मुरलीधरण ने लोकसभा में बताया कि ऑपरेशन गंगा के तहत 90 उड़ानें संचालित की गई थी, जिसमें 76 कमर्शियल उड़ाने थी और 14 भारतीय वायु सेना की उड़ानें थी। यह सभी उड़ाने भारत सरकार ने अपने खर्च पर संचालित की थी। इसके अलावा कमर्शियल उड़ानों को उनकी व्यवस्था के लिए भारत सरकार ने 92 करोड़ 95 लाख 96 हजार 211 रुपे का भुगतान भी किया है, तब जाकर भारत के नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाया गया। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया कि युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से 18282 भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया है। जिसमें 272 नागरिकों के राज्य का नाम उपलब्ध नहीं है। झारखंड के 158 नागरिक सुरक्षित वापस लाए गए। सबसे अधिक नागरिक केरल राज्य के हैं, यहां के 3343 नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया गया। वही मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश के सिर्फ एक एक नागरिकों को वापस लाया गया। झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार के 1003 नागरिकों को वापस लाया गया जबकि उत्तर प्रदेश के 1917 नागरिकों को वापस लाया गया। भारत के लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नागरिकों की सकुशल सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कराई गई है।

*बीते 3 साल में आईसीडब्ल्यूएफ के तहत भारत सरकार ने खर्च किए 245 करोड़।*

सांसद श्री संजय सेठ ने लोकसभा में यह भी पूछा था कि भारतीय समुदाय कल्याण कोष (आईसीडब्ल्यूएफ) के रूप में प्रवासी भारतीयों से जो राशि एकत्रित की जाती है, उसका देशवार ब्यौरा क्या है? इसके माध्यम से क्या-क्या कार्य संपन्न कराए जाते हैं? इसके अतिरिक्त सांसद ने यह भी पूछा था कि बीते 3 वर्षों में आईसीडब्ल्यूएफ के अंतर्गत क्या कार्य किए गए और कितने देशों में राशि खर्च की गई?
इसका जवाब देते हुए केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि आईसीडब्ल्यूएफ के माध्यम से जो राशि प्राप्त होती है, इसका इसका उपयोग विदेशों में रह रहे भारतीयों के कल्याण व अन्य जरूरी कार्यों के लिए किया जाता है। जिसमें आवास एवं भोजन की व्यवस्था, भारत के लिए हवाई यात्रा का टिकट, भारतीयों को विदेश में कानूनी सहायता, पार्थिव शरीर को वापस लाने के लिए, छोटे-मोटे जुर्म या अपराधों के सहायता लिए, भारतीय नागरिकों के संबंध में आपातकालीन चिकित्सा देखभाल के लिए, इसके अलावे सीडब्ल्यूएफ के तहत सामुदायिक कल्याण कार्यकलापों तथा बहुसंख्यक भारतीय नागरिकों की आबादी वाले अन्य देशों में अधिवक्ताओं का पैनल बनाने के प्रावधान सहित अन्य कई सेवाओं में, विदेशों में संकटग्रस्त भारतीय महिलाओं को सहायता प्रदान करने का काम भी आईसीडब्ल्यूएफ के द्वारा किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दुनिया भर के 137 देशों में आईसीडब्ल्यूएफ कार्य कर रहा है, जिसमें भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश से लेकर चीन, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी महाशक्ति कहे जाने वाले देश भी शामिल है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय समुदाय कल्याण कोष के तहत अब तक 69 करोड़ रुपए एकत्र किए गए जबकि ₹75 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वहां के भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिए खर्च की गई। वही रूस में 2.81 करोड़ की राशि एकत्र हुई और 68 लाख रुपए की राशि खर्च की गई। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान में भी 5045939 इस मद में एकत्र किए गए जबकि 1484418 की राशि खर्च की गई। वहीं जापान में 2.38 करोड़ एकत्र हुए जबकि 4.24 करोड़ विभिन्न मद में खर्च किए गए। इसके अतिरिक्त चीन में 6 करोड़ की राशि एकत्र हुई और 7 करोड़ की राशि खर्च की गई। दुनिया में कई ऐसे भी देश हैं जहां इस निधि से एक भी रुपए खर्च नहीं हुए, उन देशों में भूटान, बुर्किना फासो, गिनी, लाइबेरिया, मेडागास्कर, रवांडा, सिएरा, लियोन, स्लोवेनिया, पोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला, और जिंबाब्वे, क्रोएशिया जैसे देश शामिल है।
भारतीय समुदाय कल्याण कोष के तहत अब तक 3 सालों में 244 करोड़ की राशि दुनिया के 137 देशों में रह रहे लोगों के बीच से एकत्र की गई, जबकि 245 करोड़ की राशि भारतीयों के कल्याण के लिए व अन्य आपात स्थिति में जरूरत के लिए खर्च की गई।

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