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लोकसभा में बोले सांसद संजय सेठ – ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ व्यवस्था की रीढ़ है स्वास्थ सहियाएं

सम्मानजनक मानदेय देने पर विचार करें

रांची।झारखंड की स्वास्थ्य सहियाओं को बेहतर मानदेय देने का मामला आज सदन में शून्यकाल के दौरान सांसद संजय सेठ ने उठाया।सांसद ने कहा कि झारखंड में लगभग 40,000 स्वास्थ्य सहिया कार्यरत हैं। यह सभी महिलाएं स्वास्थ्य सेवा में ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। चाहे टीकाकरण अभियान हो, चाहे किसी को स्वास्थ्य संबंधित सहायता देनी हो, स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कई परियोजनाओं में इन महिलाओं की अच्छी सहभागिता होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की स्वास्थ्य संबंधी परियोजना में इनकी भूमिका रीढ़ की हड्डी जैसी होती है। श्री सेठ ने कहा कि अभी कोरोना संक्रमण काल में भी इनकी जो भूमिका रही, उसे बयां नहीं किया जा सकता। टीकाकरण हो या कोरोना मरीजों की खोजबीन करनी हो। कोरोना मरीजों का उपचार करवाना हो, उनकी जांच करनी हो। इन सब मामलों में इन्होंने बहुत सशक्त भागीदारी निभाई है। इस विषम परिस्थिति में भी जमीनी स्तर पर इन्होंने जो कार्य किया है, वह अतुलनीय है।
सदन के माध्यम से उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इन्हें सम्मानजनक मानदेय देने की दिशा में पहल करनी चाहिए ताकि ये सम्मानजनक तरीके से अपने परिवार की परवरिश कर सकें।

 

दौरान संजय सेठ ने कहा कि कोराेना संक्रमण काल के दौरान उन्होंने खुद से रांची लोकसभा क्षेत्र की स्वास्थ्य सहियाओं को ऑक्सीमीटर और थर्मल स्केनर उपलब्ध करवाया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की स्वास्थ की जांच ई-पेपर तरीके से कर सकें।

 

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