Breaking News

वामपंथी नेता रुचिर तिवारी ने बंगाल हिंसा पर चिंता व्यक्त की : बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से पायो

मेदनीनगर।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव रुचिर कुमार तिवारी ने बंगाल में हो रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की है और इसके लिए सीधे-सीधे भाजपा को ही दोषी ठहराया है। उन्होंने एक पुरानी कहावत कहते हुए कहा कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से पायो, तिवारी ने कहा कि आप सभी को याद होगा कि जब भाजपा त्रिपुरा में सत्ता आई थी तो वहां पर वामपंथी पार्टी के नेताओं को पीटा गया था कार्यालय भी तोड़ा गया था लेनिन की मूर्ति को भी तोड़ा गया था कितनों की हत्या किया गया था और आगजनी किया था।  वह क्या था? क्या वे लोग जिनको मारा जा रहा था पीटा जा रहा था निर्वस्त्र किया जा रहा था वह लोग इंसान नहीं थे?? या भाजपा एवं आर एस एस के एजेंडे के तहत वे हिंदू नहीं थे,

तब आज की तरह घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों को भाजपा के नेताओं को उस समय आंसू सूख गया था।एक बात हमेशा याद रखिए वैसे मैं हिंसा के पक्ष में बिल्कुल नहीं हूं इस हिंसा की मैं निंदा करता हूं लेकिन जब आप दूसरे का घर जलाओगे तो एक दिन तुम्हारा भी घर जलेगा।लेकिन जब देश के शीर्ष के गद्दी पर बैठे हुए दोनों नेता ही आगजनी और दंगा करके चमके हुए थे और बाद में गद्दी पर बैठ गए तो बाकी का भविष्य क्या होगा यह सोचना पड़ेगा इसलिए आज जरूरत है कि देश के आम नागरिकों को मनुष्यता को बचाने के लिए भाजपा और आर एस एस जैसे राजनीतिक संस्थाओं से परहेज करना होगा।

वही देश में मोदी सरकार के द्वारा इस भयंकर कोरोनावायरस के समय में भी 4 दिनों से लगातार पेट्रोल और डीजल के दामों के मूल्य में वृद्धि किया जा रहा है जिससे महंगाई चरम पर हो गई है खाने का करुआ तेल से लेकर हर खाद्य पदार्थों के मूल्य की वृद्धि में आसमान छूआ जा रहा है। ऐसी स्थिति में भाजपा सरकार को अपने टैक्स के पैसे में कटौती कर जनहित में पेट्रोल और डीजल के मूल्यवृद्धि को वापस लेनी चाहिए।

Check Also

रांची में 21 अप्रैल को होने वाली उलगुलान रैली ऐतिहासिक होगी

🔊 Listen to this रांचीl आगामी 21 अप्रैल को आयोजित उलगुलान रैली को लेकर आज …